वीर फिर रंग जेब में रख व रंग हाथ में रगड़ निकल गया और जैसे ही उसने अमृत को रंगा तभी अचा वीर फिर रंग जेब में रख व रंग हाथ में रगड़ निकल गया और जैसे ही उसने अमृत को रंगा ...
आज की सभा यहां समाप्त, कल फिर जानेंगे, भारत की किसी अनोखी बात को।" आज की सभा यहां समाप्त, कल फिर जानेंगे, भारत की किसी अनोखी बात को।"
वो क्या खुद मौत भी आकर नहीं मिटा पायेगी। वो क्या खुद मौत भी आकर नहीं मिटा पायेगी।
नहीं तो मुकेश जैसे उदाहरण हमारे समाज में भरे पड़े हैं..... नहीं तो मुकेश जैसे उदाहरण हमारे समाज में भरे पड़े हैं.....
उसका दिमाग एक बुरे सपने से बहुत पीड़ित था उसका दिमाग एक बुरे सपने से बहुत पीड़ित था
कहीं दूर और एक कहानी जन्म ले चुकी है जो राजा के रास्ते की रुकावट बनने वाली थी। कहीं दूर और एक कहानी जन्म ले चुकी है जो राजा के रास्ते की रुकावट बनने वाली थी।